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Sinopse

https://archive.org/download/BhagavadGitaSanskrit/01-36-SBUSA-BG.mp3 निहत्य धार्तराष्ट्रान्नः का प्रीतिः स्याज्जनार्दन। पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिनः।।1.36।।