Bhagavad Gita Class (ch1) In Sanskrit By Dr. K.n. Padmakumar (samskrita Bharati)
- Autor: Vários
- Narrador: Vários
- Editora: Podcast
- Mais informações
Informações:
Sinopse
- Dr. , , , , , http://www.samskritabharatiusa.org/index.php/bhagavad-gita-online-classes
Episódios
-
01-31-33
12/04/2017https://archive.org/download/BhagavadGitaSanskrit/01-31-33-SBUSA-BG.mp3 निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव। न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे।।1.31।। न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च। किं नो राज्येन गोविन्द किं भोगैर्जीवितेन वा।।1.32।। येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगाः सुखानि च। त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणांस्त्यक्त्वा धनानि च।।1.33।।
-
01-26-27
15/02/2017https://archive.org/download/BhagavadGitaSanskrit/01-26-27-SBUSA-BG.mp3 01-26 तत्रापश्यत्स्थितान्पार्थः पितृ़नथ पितामहान्। आचार्यान्मातुलान्भ्रातृ़न्पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा।।1.26।। 01-27 श्वशुरान्सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि। तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान्।।1.27।।
-
01-23-25
08/02/2017https://archive.org/download/BhagavadGitaSanskrit/01-23-25-SBUSA-BG.mp3 01-23 योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागताः। धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः।।1.23।। 01-24 सञ्जय उवाच एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत। सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्।।1.24।। 01-25 भीष्मद्रोणप्रमुखतः सर्वेषां च महीक्षिताम्। उवाच पार्थ पश्यैतान्समवेतान्कुरूनिति।।1.25।।
-
01-21-22
01/02/2017https://archive.org/download/BhagavadGitaSanskrit/01-21-22-SBUSA-BG.mp3 01-21 सेनयोरुपयोर्मध्ये सथं स्थापय मेऽच्युत॥ 01.21॥ पदच्छेतः सेनयोः, उपयोः, मध्ये, रथम्, स्थापय, मे, अच्युत। पदपरिचयः पदम् विवरणम् पदम् विवरणम् सेनयोः आ. स्त्री. ष. द्विव. उपयोः आ. स्त्री. ष. द्विव. मध्ये अ. पुं. स. एक. रथम् अ. पुं. द्वि. एक. स्थापय स्था-पर. कर्तरि. लोट् मपु. एक. मे अस्मद्-द. सर्व. ष. एक. अच्युत अ. पुं. सम्बो. […]